नई दिल्ली, अगस्त 25 -- नई दिल्ली। अभिनव उपाध्याय दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव को लेकर उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद डीयू की सख्ती के कारण छात्र संगठनों को अब प्रचार के लिए परंपरागत तरीकों के अलावा नए और रचनात्मक रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं। कहीं पेड़ों के पत्तों पर नारों के साथ प्रचार सामग्री देखी जा रही है तो कहीं हाथ से बने पोस्टरों के जरिए समर्थन जुटाने की कोशिश की जा रही है। डीयू में अब कैंपस में दीवारों और इमारतों पर अवैध पोस्टरों की बाढ़ अब नहीं दिखाई दे रही है। यही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व सोशल मीडिया के दौर में भी छात्र अब कैंपस में छात्रों से न केवल मिल रहे हैं बल्कि उनके नंबर और सहयोग के लिए संगठनों की हेल्पलाइन नंबर भी दे रहे हैं। पीपल, बरगद से सूखे पत्तों पर अपने संगठन का नाम लिखकर युवाओं दे रहे हैं। यही नह...
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