श्रावस्ती, जून 17 -- गिरंटबाजार, संवाददाता। मानसून आने में भले अभी कुछ समय बचा है, लेकिन राप्ती नदी के तटवर्ती इलाकों में बसे कई गांवों के लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। बाढ़ आई तो हालात बिगड़ने पर अभी से लोग ठिकाना तलाशने लगे हैं। बाढ़ से बचाव के लिए कुछ ऐसी खामियां हैं जो हार बार बाढ़ के दौरान लोगों को अखरती है पर जिम्मेदार ध्यान नहीं देते। राप्ती नदी को श्रावस्ती के तटवर्ती इलाकों के शोक कहा जाता है। क्योंकि हर बारिश में लोगों को राप्ती की तबाही झेलनी पड़ती है। पहाड़ों पर होने वाली बारिश व नेपाल से पानी छोड़े जाने का कहर श्रावस्ती के लोगों को झेलना पड़ता है। राप्ती की बाढ़ से सबसे अधिक जमुनहा तहसील क्षेत्र प्रभावित होता है। जमुनहा तहसील क्षेत्र में वर्ष 2014 व 2017 में आई भीषण बाढ़ के जख्म अभी भी नहीं भरे जा सके हैं। उस दौरान बाढ़ न...