नई दिल्ली, जून 18 -- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। बाजार नियामक ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की डी-लिस्टिंग प्रक्रिया के अलावा आईपीओ रिफॉर्म समेत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए नियमों में बदलाव किए हैं। बता दें कि यह तुहिन कांत पांडेय के सेबी चेयरमैन बनने के बाद निदेशक मंडल की दूसरी बैठक थी। पांडेय ने इस साल एक मार्च को बाजार नियामक के प्रमुख का पद संभाला था।पीएसयू के लिए क्या फैसला? सेबी के निदेशक मंडल ने ऐसे पीएसयू के लिए एक अलग स्वैच्छिक डी-लिस्टिंग(शेयर बाजार से हटना) का स्ट्रक्चर पेश करने का फैसला किया जिनमें सरकार के पास 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। बता दें कि डी-लिस्टिंग में कंपनी के शेयर पर ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है...