जमशेदपुर, नवम्बर 8 -- जॉन्डिस से पीड़ित पांच दिन के एक बच्चे की जान पूरा खून बदलकर बचाई गई। मामला एमजीएम अस्पताल का है, जहां यह पहली बार किया गया। एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विभाग में शुक्रवार को पहुंचे इस बच्चे को नीकू वार्ड में भर्ती कराया गया था। उसे जान्डिस की शिकायत थी। जांच में बिलीरुबिन 30 प्वाइंट था, जो उतने छोटे बच्चे के लिए अधिक था। इस बच्चे की तबीयत काफी खराब थी। अंत में विभाग के डॉक्टरों ने उस बच्चे की डीवीईटी (डबल वॉल्यूम एक्सचेंज ट्रांस्फ्यूजन) करने का निर्णय लिया। इसमें बच्चे के नाभि से खून निकाला और उसी से डाला गया। डॉ. राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने डॉ. सिद्धार्थ और अन्य इंटर्न के सहयोग से इस तरह से इलाज किया। बताया कि बच्चे के सिर में जॉन्डिस जाने का डर था, जिससे बच्चे को चमकी आने लगती और ब्रेन को क्षति पहुंच सकती ...
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