भागलपुर, सितम्बर 29 -- वरीय संवाददाता, भागलपुर दशहरा के अवसर पर कभी जात्रा और नाटक जैसे सांस्कृतिक आयोजनों का दौर अब अब डीजे की शोर में थम गया है। महीनों के रिहर्सल के बाद विभिन्न पूजा समितियों की ओर से ऐतिहासिक, धार्मिक समेत विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर नाटकों का मंचन किया जाता था। इन आयोजनों में स्थानीय कलाकार भी बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। लेकिन अब लाखों रुपये खर्च कर बाहर से आए कलाकार दशहरे की सप्तमी, अष्टमी व नवमी तिथि को प्रस्तुति दे रहे हैं। दुर्गाबाड़ी पूजा समिति के अध्यक्ष डॉ. शांतनु कुमार घोष ने बताया कि जात्रा का आयोजन दशकों पहले धूमधाम से किया जाता था। रात 10 बजे के बाद यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत होती थी। जो देर रात तक चलती रहती थी। जात्रा कार्यक्रम को देखने के लिए पूरे भागलपुर समेत आसपास के लोग जुटते थे। अब जिला प्रशासन की ओर से रात...