प्रयागराज, नवम्बर 3 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएलएड में प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातक रखने के नौ सितंबर 2024 के शासनादेश को सही ठहराते हुए शासनादेश के खंड 4(1) को निरस्त करने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश या सहायक अध्यापक की नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता तय करने का अधिकार है, जो एनसीटीईटी निर्धारित अर्हता से कम नहीं हो सकती, अधिक भले रखी जा सकती है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने दिया है। इस फैसले से 2.33 लाख सीटों पर एडिशन का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने कहा कि एनसीटीई ने स्वयं ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर शिक्षा मानक निर्धारित करने के लिए न्यूनतम अर्हता निर्धारित की है। डीएलएड में प्रवेश की न्यूनतम अर्हता स्ना...