हरदोई, नवम्बर 14 -- माधौगंज। गेहूं आदि की बुआई करने के बाद अब यूरिया खाद के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसानों की माने तो आलू , सरसों, गेहूं की बुआई का काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। अब यूरिया खाद की फसलों को सख्त जरूरत है। ऐसे में यूरिया न मिलने से परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि पहले धान के लिए यूरिया की किल्लत बढ़ गई थी। ब्लैक में 500 से 600 रूपए प्रति बोरी के हिसाब से बिक्री हुई थी। वही स्थितियां फिर से दिखाई दे रही हैं। किसान चोरी-छिपे 350 से अधिक कीमत पर खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। किसान मंहगेलाल कश्यप, सुनील कुमार, आंनद सिंह, सोबरनलाल, शंकर आर्य, रघुवीर, जसवन्त आदि ने बताया कि रवी फसल की बुआई के बाद अब उर्वरक के रूप में यूरिया खाद की आवश्यकता है। पर उन्हें सरकारी व प्राईवेट दुकानों पर यूरिया ढूढें नही मिल रही है। नि...
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