लखनऊ, अक्टूबर 15 -- बिलों के भुगतान में गड़बड़ी करना मिर्जापुर के तत्कालीन (वर्ष 2022) मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजीव सिंघल को महंगा पड़ा। ड़ा. राजीव मौजूदा समय में मेरठ के प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ परामर्शदाता के पद पर तैनात हैं। अनियमित तरीके से बिलों के भुगतान की शिकायत की जांच कराई गई थी। जिसमें डा. राजीव दोषी पाए गए। लिहाजा उनकी एक वेतनवृद्धि रोक दी गई है। साथ ही उनसे 4,35,000 रुपये की वसूली करने तथा परिनिंदा का दंड दिया गया है। वहीं प्रदेशभर में नर्सों के तबादले में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। मामले की जांच कराई गई। जांच में उस वक्त निदेशक चिकित्सा उपचार पद की जिम्मेदारी निभा रहे डा. पीएम श्रीवास्तव को दोषी पाया गया। वे अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। डा. पीएम श्रीवास्तव की पेंशन से तीन साल तक 10 प्रतिशत के हिसाब से कटौ...