कुशीनगर, मार्च 9 -- कुशीनगर। ऐसी कोई न कोई बात रामकोला सीएचसी मे जरूर है कि डिप्टी सीएमओ का पद छोड़ डॉक्टर करीब पांच वर्षों से यहीं जमे हुए हैं। उच्चाधिकारियों से सेटिंग्स के चलते तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी रामकोला सीएचसी से स्थानांतरित नहीं किया जाना विभागीय व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर रहा है। प्राइवेट कंपाउंडर्स की अवैध प्रेक्टिस और एक ही कम्पनी की बाहर की दवा लिखने के लिए रामकोला सीएचसी पर डॉक्टरों की तैनाती का कोई शासनादेश प्रभावी नहीं होता है। डॉक्टर अपनी मनमानी नहीं छोड़ते और विभागीय अधिकारी इन पर कार्रवाई करने से गुरेज करते हैं। वरना क्या कारण है कि अवैध रूप से कार्य करने वाले कंपाउंडर्स के विरूद्ध एमओआईसी द्वारा पत्र लिखने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। एक दो बार छापा भी पड़ा, लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों व फाइलों में दफन हो ...
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