नई दिल्ली, नवम्बर 3 -- सुप्रीम कोर्ट ने देश में 'डिजिटल अरेस्ट' से जुड़े मामलों में भारी वृद्धि पर सोमवार को आश्चर्य जताया और कहा कि इनसे सख्ती से निपटेंगे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले में अदालत की मदद के लिए एक न्यायमित्र नियुक्त किया तथा गृह मंत्रालय और सीबीआई की ओर से सीलबंद लिफाफे में पेश दो रिपोर्ट देखी। पीठ ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि देशभर में वरिष्ठ नागरिकों सहित पीड़ितों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही की जा चुकी है। अगर हम कड़े और कठोर आदेश पारित नहीं करते हैं, तो यह समस्या और बढ़ जाएगी। उसने कहा कि हमें न्यायिक आदेशों के जरिये अपनी एजेंसियों के हाथ मजबूत करने होंगे। हम इन अपराधों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली...