लखनऊ, अक्टूबर 15 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता हमारा देश इंसानियत का गहवारा है लेकिन जिस तरह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव आ रहे हैं और इंसानियत खत्म हो रही है ऐसे में डा. एपीजे अब्दुल कलाम की बहुत याद आती है। जिन्होंने राष्ट्रीयता और मानवता को सर्वोपरि रखा उनकी याद इसलिए भी आ रही है के इस अंतर्राष्ट्रीय माहौल का असर हमारे देश पर भी पड़ रहा है, नैतिक मूल्य गिर रहे हैं। ये विचार बज्म-ए-ख्वातीन की ओर से जनाना पार्क अमीनाबाद में भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल की कलाम की जयंती पर हुई संगोष्ठी एपीजे अब्दुल कलाम व पयाम ए इंसानियत में महिलाओं ने रखे। मुख्य अतिथि डॉ. सारा हक्की ने कहा कि हमारी पहचान हमारे त्योहार और मेले होते हैं। जहां सभी लोग शामिल होते हैं। हिंदु मुस्लिम एक साथ नजर आते हैं, जिससे पता चलता है कि हमारे दिल नफरत से पाक है। डॉ सुधा मिश...