पटना, जुलाई 7 -- डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के तहत डायल 112 की सेवाएं शुरू होने के बाद बिहार में दंगा-फसाद के मामले चार गुना तक घटे हैं। तीन साल पहले तक थानों में दंगा के सालाना करीब 12 से 14 हजार कांड दर्ज होते थे, जिनकी संख्या अब घटकर करीब दो से तीन हजार रह गई है। सोमवार को डायल 112 सेवा की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के बाद डीजीपी ने कहा कि इमरजेंसी पुलिस वाहन अब औसत 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं, जिससे हिंसक झड़पों को रोका जा सका है। पिछले तीन साल में डायल 112 से करीब 40 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सेवाएं मिली हैं। इनमें करीब 22 लाख मामले स्थानीय विवाद, मारपीट और हिंसात्मक झड़प से संबंधित रहे। 3.57 लाख से अधिक मामलों में घरेलू हिंसा, महिला अपराध और बच्चों को त्वरित सहायता दी गय...