वाराणसी, अक्टूबर 27 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। जैव-चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने नवीन "इंजीनियर्ड सेल थेरेपी" विकसित की है, जो डायबिटिक (मधुमेह जनित) घावों को अत्यंत तेजी से भरने में सक्षम है। यह खोज एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती के समाधान की दिशा में बड़ा कदम है, जिससे विश्वभर में लाखों लोग प्रभावित हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों के घाव सामान्यतः भरने में कठिनाई होती है, क्योंकि शरीर में ग्लूकोज का स्तर लंबे समय तक अधिक बना रहता है। सामान्य घाव कुछ दिनों में भर जाते हैं, जबकि डायबिटिक घाव कई महीनों तक बने रहते हैं, जिससे गंभीर संक्रमण और कई मामलों में अंग विच्छेदन तक की नौबत आ जाती है। चिंताजनक तथ्य यह है कि हर 20 ...