नई दिल्ली, जुलाई 3 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को बड़ा झटका देते हुए डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक और भ्रामक विज्ञापन चलाने से रोक लगा दी है। अदालत ने डाबर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की एकल पीठ ने गुरुवार को डाबर इंडिया लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि पतंजलि के विज्ञापन न केवल डाबर च्यवनप्राश को निशाना बना रहे हैं, बल्कि अन्य सभी च्यवनप्राश उत्पादों को भी साधारण और गुणहीन बता रहे हैं, जो कि सामान्य निंदा के अंतर्गत आता है। डाबर की ओर से पेश अधिवक्ताओं जवाहर लाल और मेघना कुमार ने अदालत को बताया कि पतंजलि के विज्ञापन में दावा किया गया कि अन्य किसी निर्माता के पास च्यवनप्राश बनाने का सही ज्ञान नहीं है, जो पूरी तरह भ्रामक है। इसके साथ ही, पतंजलि ने अ...
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