नई दिल्ली, अगस्त 21 -- दीपेंद्र सिंह हुड्डा, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) ब्रिटिश गणितज्ञ और डाटा वैज्ञानिक क्लाइव रॉबर्ट हम्बी ने साल 2006 में 'डाटा इज द न्यू ऑयल' विषय पर एक व्याख्यान दिया था। इस व्याख्यान में उन्होंने स्थापित किया था कि डाटा भी तेल की तरह बेहद कीमती चीज है। लेकिन केवल तभी, जब वह शुद्ध और प्रसंस्कृत हो। जब ​​पहली बार इस रूपक का प्रयोग हुआ, तब एक आर्थिक संसाधन के रूप में डाटा की क्षमता के बारे में दुनिया को पता लगा। आज डाटा किसी देश की रणनीतिक संप्रभुता का मूलभूत आधार बन चुका है। विशाल डाटा से युक्त एल्गोरिदम अब हमारी दिनचर्या के हरेक पहलू को नियंत्रित करता है। हम क्या खरीदें, कहां जाएं, क्या खाएं, सोशल मीडिया पर क्या-क्या देखें और कौन-कौन सी सुविधाएं किस तरह प्राप्त करें, इन सभी बातों में वह हमें प्रभावित करने लगा है। इसस...