वरिष्ठ संवाददाता, जून 17 -- कुशीनगर में नर्तकियों संग गैंगरेप के मामले में कैंट इलाके में रहने वाले आर्थक प्रताप सिंह का नाम सामने आने के बाद गोरखपुर में दर्ज केस में भी लीपापोती उजागर हो गई थी। अब एसपी सिटी की जांच में पता चला है कि कैंट थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट केस में गलत तरीके से एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर विवेचक ने आर्थक को बचा लिया था। अब दोषी पाए गए विवेचक रहे दरोगा के खिलाफ प्रारंभिक जांच की संस्तुति के लिए एसपी सिटी ने एसएसपी को पत्र भेजा है। खबर है कि इस केस की फिर से विचेना होगी और चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी। दरअसल, पांच सितंबर 2022 को गोरखपुर यूनिवर्सिटी के आरपी शुक्ल छात्रावास में मारपीट के बाद आर्थक प्रताप सिंह व उसके साथियों को कैंट पुलिस ने पकड़ा था। तलाशी में आर्थक की जेब से .32 बोर का कारतूस मिला था, जिसे आधार बनाकर पुल...