आगरा, अगस्त 25 -- गोगामेड़ी जाने से पहले गांव में ट्रॉली को बनाया गया। डबल डेकर बनाया गया था, जिससे आधे श्रद्धालु नीचे के हिस्से में बैठे-लेटे हुए जा रहे थे। आधे ऊपरी भाग में बैठे हुए थे। इसके अलावा चार-पांच श्रद्धालु ड्राइवर के ईद गिर्द बैठे थे। डबल डेकर बनने के कारण ट्रैक्टर की ट्रॉली में से किसी के बाहर निकलने की संभावना कम हो गई। ट्रॉली में फंसे रहने के कारण भी उनकी जान पर बन आई। गांव के लोगों ने बताया कि रस्सा और ढकने के लिए प्लास्टिक पेपर त्रिपाल आदि ट्रॉली के ऊपर डाली गई थी। इस ट्रैक्टर को डबल डेकर बनाने में मेहनत लगाई गई। गांव के लोगों ने बताया कि ऐसा हादसा हुआ कि सबकुछ रखा रह गया। उन्होंने बताया कि किसी ने भी सपने में नहीं सोचा था कि मौत इस कदर आए कि हमारे परिवार और रिश्तेदारी के लोगों की जान ले गई। हादसे में घायल पूरन ने बताया क...