मुजफ्फरपुर, मार्च 23 -- मुजफ्फरपुर। देश में उद्योगों के विस्तार के साथ जन्मे ट्रेड यूनियनों का इतिहास कोई डेढ़ सौ साल पुराना है। मुजफ्फरपुर में भी इसकी शुरुआत 1940 के दशक में हुई थी। आजादी के बाद सरकारी नौकरियों से जुड़े यूनियनों, मोतीपुर चीनी मिल कामगार यूनियन सहित कई अन्य ने अपनी जड़ें जमानी शुरू की और सरकार को कर्मचारियों के हितों के मुद्दों पर झुकने के लिए कई बार विवश कर दिया। आज वही ट्रेड यूनियन अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। इनके नेताओं का कहना है कि आउटसोर्सिंग की जगह कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति नहीं होने से ट्रेड यूनियनों की ताकत घट रही है। स्थायी नियुक्ति होने से ही यूनियनों को फिर से मजबूती मिल पाएगी। मुजफ्फरपुर और ट्रेड यूनियन की राजनीति की चर्चा जब भी की जाएगी, इसे बिना जार्ज फर्नांडीस का नाम लिए किसी सार्थक म...