रांची, जनवरी 31 -- झारखंड के साइबर अपराधी अब फर्जी ऐप तैयार करना भी सीख गए हैं। ये फर्जी ऐप एंटी वायरस की पकड़ में न आए, इसकी तोड़ भी साइबर अपराधियों ने निकाल ली है। इसका खुलासा जामताड़ा में डीके बोस के नाम से 11 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके साइबर अपराधियों के समूह की गिरफ्तारी के बाद हुआ। खुलासे के बाद राज्य सीआईडी मुख्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय की संस्था आई4सी के द्वारा नए साइबर ठगी के मॉडल की तोड़ निकालने की कोशिश शुरू हो गई है। जामताड़ा पुलिस ने मो महबूब आलम, सफुद्दीन अंसारी, आरिफ, जसीम, एसके बेलाल, अजय मंडल को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि सभी पहले से साइबर अपराध से जुड़े थे। अप्रैल 2023 में सभी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के संपर्क में आए। उसी ने इन्हें ऐप डेवलप करने के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। जिसके बाद उनका गिरोह जावा प्रोग्...
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