नई दिल्ली, अप्रैल 9 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रेन यात्रियों को अपने सामान की सुरक्षा खुद करनी चाहिए। इसकी जिम्मेदारी रेलवे की नहीं है। जस्टिस रविन्द्र डुडेजा की पीठ ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को बरकरार रखा। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पूरा मामला सुनने के बाद यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता जिस एसी कोच में यात्रा कर रहा था उसका दरवाजा बंद था। रेलवे पर जिम्मेदारी डालना उचित नहीं कोर्ट ने कहा- याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहीं नहीं कहा कि कोच का दरवाजा खुला था। रेलवे का काम एसी कोच के दरवाजे बंद रखने का है, जो कि प्रतिवादी रेलवे की ओर से किया भी गया। ऐसे में रेलवे पर सामान चोरी की जिम्मेदारी डालना उचित नहीं है। यात्री स्वयं अपने सामान की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हालांकि हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि रेलवे अधिकारी किसी...