धनबाद, मार्च 7 -- धनबाद, रविकांत झा धनबाद स्टेशन का इतिहास 117 साल पुराना है। धनबाद स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे की कमाई में छठा स्थान रखता है। धनबाद डिविजन देश का सर्वाधिक कमाई वाला डिविजन है। धनबाद स्टेशन की शान में भले ही लंबे-चौड़े कसीदे पढ़े जा सकते हैं, लेकिन सच तो यह है कि धनबाद स्टेशन मामूली सुविधा के लिए तरस रहा है। रेलवे की उदासीनता के कारण यहां के प्लेटफॉर्म नंबर 6-7 पर ट्रेन आने के बाद अपने कोच की खोज में यात्रियों के बीच भागमभाग मचती है। जमीनी सच्चाई स्टेशन पर भगदड़ की आशंका को जन्म दे रहे हैं। भारतीय रेलवे में 20 साल पहले ट्रेन कोच इंडिकेशन बोर्ड की शुरुआत हुई थी। ए-1 कटेगरी का स्टेशन होने के बावजूद धनबाद स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 6-7 दो दशक बाद भी कोच इंडिकेशन बोर्ड जैसी जरूरी सुविधा का इंतजार कर रहा है। इन 20 वर्षों में धनबाद स...
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