रांची, अगस्त 16 -- रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि राज्य में अगर किसी ट्रेडमार्क का उल्लंघन या अन्य वाणिज्यिक विवाद का मूल्य तीन लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच है, तो उसकी सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन) करेंगे। यह निर्देश चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने दिया है। खेमका फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की एक अपील पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कंपनी ने गृहस्थी भोग नाम से आटा बेचने वाले एक अन्य पक्ष पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया था। कंपनी का दावा है कि वह वर्ष 2001 से आटा बना रहा है और गृहस्थी भोग नाम का प्रयोग करता आ रहा है। वर्ष 2005, 2012 और 2014 में ट्रेडमार्क के लिए आवेदन भी किए गए। फरवरी 2023 में कंपनी को पता चला कि एक और कंपनी गृहस्थी भोग नाम से आटा बेच रही ...