नई दिल्ली, अक्टूबर 13 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ट्रांसजेंडर के हित में अब तक कोई ठोस नीति नहीं बनाए जाने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हाईकोर्ट के परामर्श से दस दिन के भीतर दिल्ली सरकार की वर्ष 2021 की अधिसूचना के अनुसार ट्रांसजेंडरों को लाभ प्रदान करने पर निर्णय लें। इसमें सार्वजनिक रोजगार के लिए आयु में पांच वर्ष की छूट और योग्यता अंकों में पांच फीसदी की छूट प्रदान करना भी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने प्रवीण सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। प्रवीण सिंह द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण से संबंधित एक जनहित दायर की गई है। पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रा...