नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा के आवेदनों पर फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दिया है। वर्क वीजा पर इस तरह की मार का असर झेलने वाली तकनीकि कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) पहली भारतीय आईटी कंपनी होगी क्योंकि अमेरिकी दफ्तरों में अपने ग्राहकों के लिए सबसे ज्यादा कर्मचारी तैनात करने वाली यही सबसे बड़ी कंपनी है। इस मार की वजह से ना केवल TCS के शेयरों में गिरावट आ सकती है बल्कि उसकी आय में भी बड़ी कमी आने की आशंका है। हालांकि, अन्य भारतीय कंपनियों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। फिलहाल आईटी कंपनियां ट्रंप के एच-1बी वीजा पर फीस बढ़ोत्तरी के फैसले के प्रभाव का आंकलन कर रही हैं। टीसीएस H-1B वीजा का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है क्योंकि यह अमेरिका में अपने ग्राहकों के दफ्तरों में हजारों पेश...