नई दिल्ली, नवम्बर 3 -- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने चीन की तेल कंपनियों को गहरी चोट पहुंचाई है, जिससे वे खरीदारों के अभाव में त्रस्त हो रही हैं। दरअसल, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा मॉस्को के प्रमुख तेल उत्पादकों तथा उनके कुछ खरीदारों को ब्लैकलिस्ट में डालने के बाद, चीनी रिफाइनरियां रूसी तेल के शिपमेंट से दूरी बना रही हैं। यही कारण है कि अब उन्हें ग्राहक नहीं मिल पा रहे हैं, और इसका मुख्य कारण अमेरिकी प्रतिबंधों को माना जा रहा है। व्यापारियों के मुताबिक, सिनोपेक और पेट्रोचाइना जैसी सरकारी स्वामित्व वाली बड़ी कंपनियां पिछले महीने रोसनेफ्ट पीजेएससी तथा लुकोइल पीजेएससी पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते कुछ रूसी कार्गो रद्द करने के बाद इस कारोबार से पूरी तरह हट चुकी हैं। वहीं, छोटी निजी रिफाइनरियां, जिन्हें 'टीपॉट्स' ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.