लखनऊ, मई 28 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता टोरेंट और एनपीसीएल की वित्तीय अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के लिए बुधवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल की। दोनों कंपनियों की जांच पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के निर्देश पर हुई थी। हालांकि, उनके ऊर्जा मंत्री न रहने के बाद पूरी जांच रिपोर्ट दबा दी गई। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2020 में जांच हुई थी। बुधवार को दाखिल याचिका में उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग से मांग की है कि दोनों निजी कंपनियों के एग्रीमेंट की समीक्षा करवाई जाए और टोरेंट पावर के एग्रीमेंट को तत्काल निरस्त किया जाए। जांच रिपोर्ट में साफ था कि टोरेंट पावर कंपनी को पावर कॉरपोरेशन का पिछला बकाया, जो कि 2200 करोड़ रुपये था, वसूल कर कॉरपोरेशन को देना था, नहीं दिया। लाइन लॉस भी ज्यादा दिख...