लखनऊ, अगस्त 2 -- पीजीआई निदेशक पद्मश्री डॉ. आरके धीमान ने शनिवार को पैथोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस समारोह में अत्याधुनिक टोटल लैबोरेटरी ऑटोमेशन मशीन का उद्घाटन किया। टन किया। इससे रोगियों को सटीक जांच और जल्द रिपोर्ट मिलेगी। समारोह में शामिल डॉक्टरों ने कहा कि आधुनिक बायोमार्कर तकनीक से गंभीर रोगों की पहचान और उपचार आसान हो गई है। अब ट्रोपोनिन, हाई-सेंसिटिव जांच, ट्यूमर मार्कर,नेक्स्ट जनरेशन रीनल बायोमार्कर का उपयोग किया जा रहा है। नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. नारायण प्रसाद ने बताया कि पारंपरिक क्रिएटिनिन जांच किडनी की 40 फीसदी कार्यक्षमता कम होने के बाद बताती है। जबकि सिस्टेटिन सी, एनजीएएल और केआईएम-1 आदि नए बायोमार्कर शुरू में ही गुर्दे की स्थिति को बता देते हैं। संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नवीन गर्ग ने बताया कि हाई-सेंसिटिव ट्रोपोन...