गिरडीह, फरवरी 1 -- गिरिडीह। चार्टेड अकाउंटेंट दीपक संथालिया ने कहा कि मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स का बोझ कम करते हुए टैक्स फ्री इनकम 10 लाख तक किया जाना चाहिए एवं वेतन भोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा जो कि अभी Rs.75000 है उसको 1 लाख तक बढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही कुछ और डिडक्शंस जैसे मकान बनाने के लिए बैंक से लोन पर ब्याज की राशि, मकान के किराए में बढ़ती वृद्धि को देखते हुए, मकान किराया भत्ता (एचआरए)) जो नई टैक्स रिजीम में नहीं दिए जाते हैं उन्हें नई रिजीम में भी दिया जाना चाहिए। कहा कि पुरानी टैक्स रिजिम कि यदि बात करें तो आयकर की धारा 80सी और 80डी के तहत दी जानेवाली छूट में 2014 से कोई भी बदलाव नहीं किया गया है तथा आयकर की धारा 80सीसीडी (1बी) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में 2016 के बाद दी जाने वाली छूट में कोई भी बदलाव ...