फरीदाबाद, अक्टूबर 5 -- फरीदाबाद। सूरजकुंड में चल रहे द्वितीय दिवाली मेले में नूंह के खंड फिरोजपुर झिरका से आए श्रीचंद के टेराकोटा के बर्तन दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। टेराकोटा के बर्तन और गुलदान स्वदेशी नारे को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इनके द्वारा तैयार किए मिट्टी के गुलदान देखने में लकड़ी के लगते हैं। वह टेराकोटा के बर्तन और गुलदानों को बहुत ही रियायती दरों पर बेच रहे हैं। इनके स्टॉल से गुजरने वाले पर्यटक एक बार स्टॉल पर रुक कर इनके मिट्टी के बने बर्तनों और गुलदान को अवश्य देते हैं। श्रीचंद ने बताया कि वह तीसरी पीढ़ी हैं, जो मिट्टी के बर्तनों का काम कर रहे हैं। शुरुआत में वह कुल्हड़, मटके और गुल्लक बनाया करते थे। इन्होंने समय के साथ अपनी बर्तन बनाने की कला में बदलाव किया। करीब 15 वर्ष पूर्व दिल्ली के मालवीय नगर से दो वर्ष त...