रांची, सितम्बर 20 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। शिक्षा अधिकार कानून लागू होने के पहले से नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करने को अनिवार्य करने, पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने की स्थिति में सेवा से मुक्त करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से झारखंड के शिक्षक नाराज और आहत हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य के लगभग पैंतीस हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक के बैनर तले राज्य के विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों ने कोर्ट कंपाउंड रांची से राजभवन तक मार्च किया। शिक्षकों ने सभा की और राज्यपाल को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मांग पत्र में संघ ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 2010 की अधिसूचना में यह व्यवस्था दी गई है कि अधिसूचना निर्गत की तिथि से पूर्व के नियुक्त...