लखनऊ, सितम्बर 23 -- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के 300 दिन पूरे होने पर एक बार फिर जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है। समिति ने कहा है कि अगर जोर जबरदस्ती करके निजीकरण का टेंडर निकाला गया तो टेंडर निकलते ही बिजली कर्मचारी सभी जिलों में जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को शक्ति भवन पर हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। बिजली कर्मचारियों ने कहा कि बिजलीकर्मी घाटे के झूठे आंकड़े, दमन और उत्पीड़न के नाम पर किसी भी स्थिति में निजीकरण की साजिश कामयाब नहीं होने देंगे। संघर्ष समिति ने दावा किया कि उसे पता चला है कि पावर कॉर...