नवादा, सितम्बर 28 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार का ऐतिहासिक महत्व रखने वाला जिला मुख्यालय इन दिनों बदहाल सड़कों के कारण सुर्खियों में है। शहर की आबादी लगभग 2.2 लाख के करीब पहुंच चुकी है, लेकिन इसके विपरीत सुखद तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि बुनियादी ढांचा उसी अनुपात में विकसित हुआ है। खासकर सड़कों की स्थिति पर नजर डालें तो कहना गलत नहीं होगा कि नवादा शहर की धड़कनें अब टूटी-फूटी गलियों और जर्जर मार्गों में दब चुकी हैं। आम आदमी से लेकर व्यापारी, छात्र से लेकर नौकरीपेशा कर्मचारी और रिक्शा चालक तक, सभी इस समस्या से रोज जूझ रहे हैं। यह सिर्फ सफर में होने वाली परेशानी का मुद्दा नहीं है, बल्कि सीधे जीवन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करने वाला संकट बन चुका है। सड़क की स्थिति हो कर रह गयी है बदतर कुछेक को छोड़कर ह...