रांची, मई 19 -- बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपना प्रत्याशी उतारने के लिए कमर कसती नजर आ रही है। बिहार में अप्रैल के दौरान महागठबंधन की तीन बार हुई बैठकों में नजरअंदाज किए जाने और 21 सदस्यीय समन्वय समिति में जगह नहीं मिलने के कारण झामुमो के सब्र का बांध टूटने की कगार पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब तक उसी गर्मजोशी के साथ बिहार चुनाव में सीटें मिलने की उम्मीद महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव से कर रहे हैं, जिस गर्मजोशी के साथ हेमंत ने राजद को झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सीटें दी थीं। लेकिन, अब तक बिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो को खास तवज्जो नहीं दिया गया है। ऐसे में इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि बिहार विधानसभा की 12 से 15 सीमावर्ती सीटों पर झामुमो महागठबंधन...