बिजनौर, सितम्बर 3 -- टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) देने का निर्णय लिया गया है। पहले यह थेरेपी केवल पांच साल से कम उम्र के बच्चों को दी जा रही थी, लेकिन अब सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है। टीपीटी एक प्रकार की दवा है जो टीबी रोग के संक्रमण को रोकने में मदद करती है। यह दवा टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को दी जाती है ताकि वे टीबी रोग से संक्रमित न हों। प्रदेश सरकार ने टीबी रोगियों के परिवारों की हर तीन माह में जांच कराने का निर्णय लिया है। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार, सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की जांच और टीपीटी देने के निर्देश दिए गए हैं। टीबी क...