देहरादून, मार्च 24 -- उत्तराखंड में टीबी की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। टीबी से मुक्ति के लिए इलाज की नई तकनीक एवं अभियान चलाए जा रहे हैं। अब टीबी की बीमारी पनपने से पहले ही पकड़ में आ जाएगी। इसके लिए एक इंजेक्शन मात्र से ही सीवाई टीबी जांच हो जाएगी। इससे शरीर में संक्रमण का पता चल जाएगा कि संबंधित व्यक्ति को टीबी हो सकती है। टीबी टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि इसे लेटेंट टीबी कहा जाता है। इसमें कोई लक्षण नहीं होता है और एक्सरे, बलगम जांच में भी टीबी की पुष्टि नहीं होती है, लेकिन शरीर में संक्रमण होता है। बाद में टीबी व्यक्ति को जकड़ लेती है। इसमें बाजू में एक इंजेक्शन लगा देते हैं। यदि दो दिन में पांच मिलीमीटर फूल जाता है तो संक्रमण की पुष्टि होती है। इसके बाद टीपीटी यानि ट्यूबरक्लोसिस प्रोफा...