नई दिल्ली, जुलाई 11 -- किशोरों में अकेलापन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। किशोर मन में क्या चल रहा है, इसका पता लगाना आसान नहीं है। आए दिन किशोरों द्वारा की जाने वाली आत्महत्या की खबरें इस बात की गंभीरता को बयान करने के लिए काफी हैं। ग्लोबल स्टेट ऑफ कनेक्शंस की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 1.25 अरब से ज्यादा लोग अकेलेपन से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 13-15 वर्ष की उम्र के किशोरों में से करीब 25 प्रतिशत किशोर अकेलेपन और अवसाद से पीड़ित हैं। इसी प्रकार 2022 में किए गए एक अन्य शोध में पता चला है कि 18-29 वर्ष के भारतीय युवाओं में से 57 प्रतिशत ने कभी ना कभी अकेलेपन का अनुभव किया है।क्यों बढ़ रहा है अकेलापन आपका बड़ा होता हुआ बच्चा दुनिया के सामने बिलकुल सामान्य लग सकता है, लेकिन उसके मन में चल रह...
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