बागेश्वर, सितम्बर 9 -- एससीएसटी शिक्षक ऐसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा ने एक सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट के महाराष्ट्र मामले में एक फैसले में प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता को शिक्षकों के विरुद्ध बताया है। उन्होंने महानिदेशक विद्यालय शिक्षा एवं शिक्षा मंत्री को मेल के माध्यम से ज्ञापन भेजा है। टम्टा ने कहा कि 2010 से पूर्व प्रारंभिक शिक्षा में टीईटी की अनिवार्यता नहीं थी। इससे पूर्व नियुक्त शिक्षक तत्कालीन योग्यता पूरी करते हुए नियुक्त हुए हैं। इस फैसले से प्रदेश के लगभग 12,000 शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। इससे उनकी सेवा, पदोन्नति आदि प्रभावित हो रही है। इस फैसले से शिक्षकों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है, जो शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा। एक दुखद उदाहरण उत्तर प्रदेश के गांधी नगर से सामने आ...