बाराबंकी, सितम्बर 9 -- बाराबंकी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इसमें मांग की गई कि 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से मुक्त रखने की मांग की गई। इस दौरान सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया कि एक सितंबर को उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच ने आदेश दिया है कि देशभर के सभी शिक्षक-चाहे वे 20-25 वर्षों से कार्यरत हों-दो वर्ष के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करें, अन्यथा उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस आदेश से 10 लाख से अधिक शिक्षक व उनके परिवारों का भविष्य संकट में पड़ गया है। ज्ञापन में कहा गया कि आरटीई एक्ट 2009 और एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के अनुसार उस तारीख से पूर्व नियुक्त शिक्षको...
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