लखनऊ, फरवरी 21 -- लिवर की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसके तमाम कारण हैं। बेढंगी जीवनशैली, खान-पान, शराब आदि के सेवन से लिवर की बीमारी हो रही हैं। कई बार दवाओं से लिवर की बीमारी काबू में नहीं आती है। ऐसे में लिवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र विकल्प बचता है। लेकिन नई टारगेटेड थेरेपी से मरीज को लिवर प्रत्यारोपण से बचाया जा सकता है। यह जानकारी जर्मनी के हनोवर मेडिकल स्कूल के डॉ. अमर दीप शर्मा ने दी। वह शुक्रवार को सीडीआरआई में 9वें औषधि अनुसंधान महाकुंभ के तीसरे दिन व्याख्यान दे रहे थे। डॉ. अमर दीप शर्मा ने कहा कि कई बार लिवर की कोशिकाएं बीच-बीच में खराब हो जाती हैं। जो दवाओं से काबू में नहीं आती हैं। ऐसे में लिवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। नौबत लिवर प्रत्यारोपण तक आ जाती है। अब ऐसे मरीजों को एक्यूट लिवर फेलियर में जाने से बचा सकते हैं। नई ट...