जमशेदपुर, जून 22 -- टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से 10 वर्ष से संचालित आकांक्षा पहल के माध्यम से पीवीटीजी समुदाय के 500 से अधिक छात्रों ने शिक्षा का लाभ उठाया। झारखंड में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूह (पीवीटीजी) की संख्या सबसे अधिक है, जिनमें से लगभग 62 प्रतिशत संथाल परगना क्षेत्र में रहते हैं। दलमा क्षेत्र में तीन प्रमुख समुदाय सबर, बिरहोर और पहाड़िया निवास करते हैं। अधिकांश पीवीटीजी समुदाय बेहद दुर्गम इलाकों में रहते हैं और विकास की मुख्यधारा से बहुत दूर और जंगलों से मिलने वाले संसाधनों के सहारे जीवन-यापन करते हैं। अपनी कमजोर स्थिति के चलते वे अक्सर शराब या अन्य कुप्रथाओं में उलझ जाते हैं और आजीविका या विकास के अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ रहते हैं। घोर गरीबी से जूझते हुए झारखंड में रहने वाले पीवीटीजी समुदायों के कई सदस्य विभिन्न संगठन...