भोपाल, नवम्बर 5 -- कागजों के हेरफेर और टाइपो एरर की वजह से ना सिर्फ एक निर्दोष व्यक्ति को जेल जाना पड़ा बल्कि उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की सख्त धाराएं लगा दी गईं। शादी के तुरंत बाद फंसे युवक को एक साल से अधिक समय तक जेल में बिताना पड़ा। अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की दखल से ना सिर्फ पीड़ित को रिहाई मिली बल्कि गलत आदेश पर हस्ताक्षर करने की वजह से कलेक्टर साहब को जुर्माना पड़ा। शहडोल के कलेक्टर केदार सिंह ने माना की अलग-अलग आदेशों की जांच और हस्ताक्षर के दौरान नामों में हेरफेर हो गई। अदालत ने इसे 'दिमाग का इस्तेमाल' नहीं किए जाने का मामला बताते हुए अधिकारी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। हाई कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की यह राशि सुशांत बैस को दी जाएगी जिन्हें बिना अपराध महीनों जेल में बंद रहना पड़ा। केदार सिंह ने एक ऐसे दस्तावेज पर ह...
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