मुजफ्फरपुर, मार्च 27 -- मुजफ्फरपुर। कंक्रीट में तब्दील होते शहर में घास की चादर ओढ़े जमीन का टुकड़ा न के बराबर बचा है। कुछ पार्क और कॉलेजों के ग्राउंड ही शहरवासियों की सुबह की सैर का साधन हैं। हालांकि ये भी व्यवस्थित नहीं हैं। सुविधा के नाम पर न शौचालय है न पेयजल का इंतजाम। दुश्वारियां यहीं खत्म नहीं हो जातीं, बल्कि सड़कों पर उड़ती धूल के कारण ताजी हवा भी मयस्सर नहीं। बुजुर्गों का दम घुटने लगता है। महिलाओं से चेन छिनतई की घटनाएं भी चिंता का सबब हैं। सुबह सड़कों पर अनियंत्रित गति से वाहनों के परिचालन के कारण सड़क हादसे हो रहे हैं। शहर के मॉर्निंग वाकरों का कहना है कि प्रशासन इन समस्याओं को गंभीरता से ले और समाधान की पहल करे, ताकि हम ताजी हवा में सुकून की सांस ले सकें। एलएस कॉलेज, एमआइटी, चक्कर मैदान आदि इलाकों में बड़ी संख्या में लोग सुबह की सै...
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