बागपत, फरवरी 15 -- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने डिग्रीधारी डॉक्टरों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था कर दी, लेकिन झोलाछापों की दुकानें पहले से ज्यादा चमक रही हैं। जिनके पास न डिग्री है और न लाइसेंस, ऐसे लोग धड़ल्ले से इलाज कर रहे हैं। ऑपरेशन तक कर रहे हैं। आईसीयू भी चला रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदे बैठा है। बाहर से टीमें आकर भ्रूण लिंग परीक्षण और अवैध गर्भपात पर कार्रवाई कर जाती हैं, मगर स्थानीय अधिकारी 'तकनीकी खामियों का बहाना बनाकर सब रफा-दफा कर देते हैं। जिम्मेदारों से सवाल यह है कि जब झोलाछापों का पूरा 'अस्पताल उद्योग प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है, तो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस देने का यह नाटक कब तक चलेगा? शहर से लेकर देहात के छोटे-छोटे कस्बों और गांवों तक में झोलाछापों का कब्जा है। बीएएमएस और बीयूएमएस डिग्...