लखनऊ, मई 17 -- जमीन के विवाद के चलते विरोधियों को सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, जानमाल की धमकी और एससी-एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कराने में अधिवक्ता लाखन सिंह को एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानन्द शरण त्रिपाठी ने कुल दस साल की कैद की सजा सुनाई है और 2.51 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि यदि दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के बाद कोई धनराशि दी गई हो तो उसे तत्काल वापस ले लिया जाए। निर्णय की प्रति, वकील के मुकदमों की सूची के साथ यूपी बार काउंसिल को भी भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अधिवक्ता के अदालत परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक अरविंद मिश्रा ने बताया कि आरोपित लाखन सि...