महाराजगंज, नवम्बर 4 -- महराजगंज, निज संवाददाता। महराजगंज महोत्सव के पुस्तक मेले का चौथा दिन पूरी तरह साहित्यिक संवेदनाओं से सराबोर रहा। राजकमल प्रकाशन व अनबाउंड स्क्रिप्ट द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर गोदान, सेवा सदन, गोरा, झूठा सच, मैला आंचल, आधा गांव, जिंदगीनामा जैसी कालजयी कृतियों ने पाठकों को आकर्षित किया। साहित्य प्रेमी आत्माराम गुप्त का कहना था कि इन किताबों में समाज, संघर्ष और आत्मचिंतन के वे पहलू हैं जो आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। युवा पाठिका अराध्या ने बातचीत में बताया कि गोदान को वह पढ़ चुकी है। यह हमें किसान के जीवन का दर्द दिखाता है, जबकि रविन्द्र नाथ टैगोर की पुस्तक गोरा इंसानियत को धर्म से ऊपर रखता है। झूठा सच और आधा गांव की चर्चा करते हुए शिक्षक जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि ये रचनाएं हमारे समय की सच्चाई बनकर लौटती हैं। पुस्तक मेला...