कोडरमा, सितम्बर 2 -- कोडरमा, वरीय संवाददाता। जैन धर्म का सर्वोच्च पर्व दसलक्षण पर्यूषण का पांचवां दिन श्रद्धा और उत्साह के साथ उत्तम सत्य धर्म के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर नगर में धर्म और ज्ञान की गंगा बहती रही। स्थानीय पंडित अभिषेक शास्त्री एवं जयपुर से पधारी डॉ. निर्मला दीदी ने अपने प्रवचनों में कहा कि सत्य जहां खिलता है, वहां भगवान मिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि "सत्यमेव जयते जीवन के आचरण का विषय है। सत्य ही ईश्वर है और वह हमारे हृदय में विद्यमान है, जिसे अंतरंग की अनुभूति से देखा जा सकता है। महाभाग्य के उदय से ही भगवान की देशना सुनने का लाभ मिलता है।" उन्होंने आगे कहा कि जैन दर्शन अहिंसा की पुष्टि करके सत्य को स्थापित करता है। जहां क्रोध, मान, माया और लोभ होते हैं, वहां सत्य धर्म प्रकाशित नहीं होता। भगवान राम ने पिता के आदेश पर वनव...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.