कोडरमा, सितम्बर 23 -- कोडरमा, वरीय संवाददाता। अग्रसेन जयंती पर समाज में वर्षों से चली आ रही "गौठ" या "गोठ" की परंपरा ने एक बार फिर आपसी भाईचारे और मेलजोल का संदेश दिया। इस परंपरा के तहत समाज के सभी परिवार एक जगह इकट्ठा होकर सामूहिक भोजन करते हैं। अग्रसेन जयंती के अवसर पर पूजा-अर्चना और शोभायात्रा के बाद यह सामूहिक भोज आयोजित किया जाता है, जिसमें हर वर्ग और हर उम्र के लोग एक ही पंगत में बैठकर भोजन करते हैं। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रखा जाता। यह भोजन पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी व्यंजनों का होता है, जिसमें पूरी-सब्जी, दाल और मिठाई प्रमुख रूप से परोसे जाते हैं। समाज के प्रमुख लोगों ने बताया कि गौठ का असली उद्देश्य समाज में समानता, सहयोग और आपसी जुड़ाव को बढ़ाना है। सामूहिक भोज से समाज के नए और पुराने सदस्य आपस में घुल-मिल जाते हैं और रिश्...