नई दिल्ली, जून 23 -- राजस्थान सरकार के एक हालिया फैसले ने प्रदेश के सबसे शिक्षित जिलों में गिने जाने वाले झुंझुनूं को प्रशासनिक संकट के ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है, जिसकी मिसाल हाल के वर्षों में देखने को नहीं मिली। जिले की बागडोर फिलहाल बिना कलेक्टर और बिना एसपी के अधूरी सी नजर आ रही है। रविवार देर रात हुए आईएएस अधिकारियों के बड़े फेरबदल में झुंझुनूं कलेक्टर रामावतार मीणा का तबादला कर दिया गया, लेकिन हैरत की बात यह है कि उनकी जगह किसी नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई। इसी के साथ अब जिले में न तो नियमित कलेक्टर है और न ही एसपी। पुलिस अधीक्षक की कुर्सी तो पहले से ही बीते 40 दिनों से खाली पड़ी है। कार्यवाहक व्यवस्था से ही जिले का संचालन हो रहा है, जिससे प्रशासनिक फैसलों में ठहराव और असमंजस की स्थिति बन गई है। कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- पर्...