रांची, सितम्बर 26 -- झारखंड में नक्सलवाद और उग्रवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। पुलिस की रिपोर्ट मुताबिक, राज्य में अब भाकपा माओवादियों के 70 से भी कम कैडर बचे हैं। वहीं उग्रवादी समूहों की बात करें तो जेजेएमपी, टीएसपीसी व पीएलएफआई करीब-करीब समाप्त हो चुके हैं। दरअसल, झारखंड पुलिस ने राज्य में भाकपा माओवादियों के साथ-साथ उग्रवादी समूहों के कैडरों की मैपिंग कराई थी, जिसमें यह बात उजागर हुई। इस दौरान झारखंड के डीजीपी ने दावा किया है कि नक्सलवादी 2026 का सूरज नहीं देख पाएंगे। हालिया मैपिंग के बाद जो बात सामने आई है उसके अनुसार भाकपा माओवादियों का सबसे बड़ा दस्ता सारंडा के मंकी रिजर्व फॅारेस्ट में कैंप तक सिमट कर रह गया है। यहां नक्सलियों के 55-60 कैडर मौजूद है। दस्ते को पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा लीड कर रहा है। यहां केंद्रीय कमेटी सदस्य पतिर...