बोकारो, जून 20 -- बोकारो जिले में पुलिस की लापरवाही के चलते दो नाबालिग आरोपियों को बाल सुधारगृह के बजाय वयस्क बंदियों के बीच जेल भेजने का मामला सामने आया है। कोर्ट ने दोनों मामलों में हस्तक्षेप करते हुए आरोपियों को जुवेनाइल होल्ड कर बाल सुधारगृह भेजने का आदेश दिया। इससे कसमार और सिटी थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। मानवाधिकार संगठनों और बाल संरक्षण इकाइयों ने किशोर न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताई है।बिना उम्र निर्धारण के जेल भेजा गया आरोपी कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि पुलिस द्वारा न तो उम्र निर्धारण किया गया और न ही मेडिकल परीक्षण कराया गया, जो किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार अनिवार्य है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आईओ (इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर) की लापरवाही से बाल आरोपियों को जेल भेजा गया...